पीएम मोदी ने ग्लासगो में चल रहे काप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में कहा कि श्इंफ्रास्ट्रक्चर फार रिसाइलेंट आईलैंड स्टेट्सश् का लान्च एक नई आशा जगाता है, नया विश्वास देता है। यह हमें सबसे कमजोर देशों के लिए कुछ करने की संतुष्टि देता है। मैं इसके लिए कोएलिशन फार डिजास्टर रेजिस्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को बधाई देता हूं। इस महत्वपूर्ण मंच पर मैं आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन समेत सभी सहयोगी देशों और विशेष रूप से मोरेसस और जमैका समेत छोटे द्वीप समूहों के नेताओं का स्वागत करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों ने साबित कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से कोई भी अछूता नहीं है। चाहे वह विकसित राष्ट्र हों या जो प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश ही क्यों न हों। यह हम सबके लिए एक बहुत बड़ा खतरा है।
कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत की स्पेस एजेंसी इसरो, सिड्स के लिए एक स्पेशल डेटा विंडो का निर्माण करेगी। इससे सिड्स को सैटेलाइट के माध्यम से सायक्लोन, कोरल-रीफ मॉनीटरिंग, कोस्ट-लाइन मानीटरिंग आदि के बारे में समय रहते जानकारी मिलती रहेगी।
IRIS के लान्च को बहुत अहम
साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि IRIS के लान्च को बहुत अहम मानता हूं। IRIS के माध्यम से सिड्स को प्रौद्योगिकी, वित्तिय सहायता, जरूरी जानकारी तेजी से जुटाने में आसानी होगी। स्माल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट्स में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहां जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेगा।
वहीं, इसके पहले सोमवार को भारत ने साल 2070 तक अपने देश में नेट जीरो इमिशन लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की है। ब्रिटेन के शहर ग्लासगो में विश्व जलवायु परिवर्तन पर चल रही वैश्विक बैठक काप-26 में पीएम मोदी ने इसका एलान कर भारत को पहला विकासशील देश बना दिया है जिसने पर्यावरण सुरक्षा को लेकर इस तरह का साहसिक कदम उठाया हो।