देहरादून,16 अप्रैल 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज़ ) : उत्तराखंड में अब नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के अंतर्गत आने वाली सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के नाम बदलने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में सभी स्थानीय निकायों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं.
विस्तृत दिशा-निर्देश
शासन की अनुमति आवश्यक:
शहरी विकास विभाग के अपर सचिव गौरव कुमार द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है
कि अब किसी भी नगर निकाय द्वारा अपनी सीमा के अंतर्गत सड़कों और सार्वजनिक स्थलों के नाम में परिवर्तन करने से पहले शासन से विधिवत अनुमति प्राप्त करनी होगी.
अनियमितताओं पर रोक:
यह निर्देश इसलिए जारी किया गया है
क्योंकि विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ स्थानीय निकाय बिना शासन की अनुमति के ही सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के नाम बदल रहे हैं,
जो कि नियमों का उल्लंघन है
अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश:
पत्र में सभी नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
कि वे सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के नाम परिवर्तन से संबंधित किसी भी प्रस्ताव पर कार्रवाई करने से पहले शासन से अनिवार्य रूप से अनुमति प्राप्त करें.
शासन की अनुमति मिलने के बाद ही नाम परिवर्तन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए.
इस नए नियम के लागू होने से प्रदेश में सड़कों और सार्वजनिक स्थलों के नामों में मनमानी तब्दीली पर रोक लगेगी.
और एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा.
शहरी विकास विभाग का यह कदम स्थानीय निकायों द्वारा लिए जाने वाले महत्वपूर्ण निर्णयों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है.