प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में हैं। उन्होंने पावागढ़ पहाड़ी पर पुनर्विकसित कालिका माता मंदिर का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा रहा है। यह शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है। यह शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव फिर से स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ-साथ अपनी प्राचीन धरोहर और प्राचीन पहचान को उसी उमंग और उत्साह के साथ जी रहा है। हर भारतीय उस पर गर्व कर रहा है। उन्होंने कहा, पहले पावागढ़ की यात्रा कठिन थी, लोग कहते थे कि कम से कम जीवन में एक बार माता के दर्शन हो जाएं। आज यहां बढ़ रही सुविधाओं ने मुश्किल दर्शन को सुलभ कर दिया। अब बच्चे, जवान, बुजुर्ग, दिव्यांग आसानी से मां के चरणों में आकर भक्ति और प्रसाद का लाभ ले सकते हैं।
आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा
प्रधानमंत्री मे आगे कहा कि आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा रहा है। ये शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है! ये शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में आपने देखा कि भव्य राम मंदिर आकार ले रहा है, काशी में विश्वनाथ धाम हो या मेरे केदार बाबा का धाम हो, आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव पुनर्स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ साथ अपनी प्राचीन पहचान को भी जी रहा है, उन पर गर्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज का ये अवसर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का भी प्रतीक है। अभी मुझे मां काली मंदिर में ध्वजारोहण और पूजा-अर्चना का भी अवसर मिला है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां काली का आशीर्वाद लेकर विवेकानंद जी जनसेवा से प्रभुसेवा में लीन हो गए थे। मां, मुझे भी आशीर्वाद दो कि मैं और अधिक ऊर्जा के साथ, और अधिक त्याग और समर्पण के साथ देश के जन-जन का सेवक बनकर उनकी सेवा करता रहूं। उन्होंने कहा कि मेरा जो भी सामर्थ्य है, मेरे जीवन में जो कुछ भी पुण्य हैं, वो मैं देश की माताओं-बहनों के कल्याण के लिए, देश के लिए समर्पित करता रहूं। माता के दरबार का कायाकल्प और ध्वजारोहण, मैं समझता हूं कि हम भक्तों और शक्ति उपासकों के लिए इससे बड़ा उपहार क्या हो सकता है। मां के आशीर्वाद के बिना ये संभव भी कहां हो सकता है। इस दौरान उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।