पीएम नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड के प्रति भावनात्मक लगाव बार-बार जाहिर होता है तो उसके केंद्र में बाबा केदारनाथ और मां गंगा के प्रति उनके असीम प्रेम को माना जाता है। बाबा के प्रति मोदी की अटूट भक्ति साफ दिखती है। इसे उन्होंने छिपाने की कोशिश भी नहीं की। बाबा के प्रति श्रद्धानत मोदी जब किसी भी रूप में उनका जिक्र करते हैं तो उत्तराखंड के साथ पूरे देश के लिए उसका प्रतीकात्मक महत्व उभर कर सामने आता है।
बाबा केदार की कृपा सब पर बनी रहे
मोदी संकल्प के साथ यह दोहराना नहीं भूलते कि मां गंगा और बाबा केदारनाथ ने ही उन्हें बुलाया है। आपदा से तहस-नहस केदारपुरी के पुनः निर्माण को मोदी ने अपनी प्राथमिकताओं में रखा तो राष्ट्रीय नदी गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के उद्देश्य के साथ उन्होंने खुद को बांध रखा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखंड में ही 521 करोड़ की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस संबंध में जब संबोधन किया तो फिर वह बाबा केदार के आशीष का जिक्र करना नहीं भूले। बाबा केदार और पतित पावनी मां गंगा के प्रति आस्था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार के संबोधन में भी झलकी। उन्होंने कहा, अपना ध्यान रखें, बाबा केदार की कृपा सब पर बनी रहे।
बीते वर्ष 2019 में तकरीबन दो माह तक चली लोकसभा चुनाव की आपाधापी से निबटने के बाद नमो अपने आराध्य बाबा केदारनाथ के दर पर पहुंचे थे। बाबा केदार के दर्शन के बाद उन्होंने ध्यान के लिए केदारनाथ से करीब डेढ़ किमी के फासले पर स्थित ध्यान गुफा को चुना। वहां रात्रि प्रवास भी किया था। यह पहला मौका था, जब किसी प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में प्रवास किया।
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने तकरीबन 34 साल पहले केदारनाथ के नजदीक गरुड़चट्टी में साधना की थी। इसके बाद से वह निरंतर उत्तराखंड और केदारनाथ आते रहे। वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान नमो उत्तराखंड आए थे, तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। छह साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी 14 से ज्यादा बार उत्तराखंड आ चुके हैं।