गर्भवती महिला की दून अस्पताल में आईसीयू नहीं मिलने से मौत

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इंदिरा गांधी मार्ग निरंजनपुर निवासी हेमराज इलेक्ट्रिकल शॉप में काम करने वाले हेमराज ने बताया कि दो जनवरी को दून महिला अस्पताल में उनकी गर्भवती पत्नी वंदना का चेकअप कराया गया। तब उनका हिमोग्लोबिन आठ बताया गया। पांच जनवरी को वंदना को डिलीवरी के लिए महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब दोबारा जांच होने पर हिमोग्लोबिन 12.5 आया। इस रिपोर्ट पर उन्होंने तभी सवाल उठा दिए थे। हेमराज के अनुसार यह कैसे संभव है कि हिमोग्लोबिन दो दिन में एकाएक बढ़ जाए।

हेमराज का कहना है कि भर्ती किए जाने के बाद उनकी पत्नी को बुखार था। उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। उन्होंने डॉक्टरों से कहा भी कि वह उसे किसी अन्य अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन अस्पताल वाले इससे इनकार करते रहे। बाद में हालत गंभीर होने पर आइसीयू नहीं होने का हवाला देकर किसी अन्य अस्पताल ले जाने को कहा। उन्होंने कहा कि वे महिला को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां भी आईसीयू नहीं मिला। इसी भागादौड़ी में वंदना की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। उधर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता ने बताया मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं है। इस बाबत जानकारी मांगी जायेगी।

पैथोलॉजी जांच पर उठते रहे हैं सवाल

अस्पताल की पैथोलॉजी जांच केंद्र पर डेंगू जांच के दौरान भी सवाल उठे थे। असल में, कई मरीज अस्पताल में डेंगू से पीड़ित होकर भर्ती थे। जब उनकी डेंगू जांच पैथोलॉजी लैब में हुई तो खून में प्लेटलेट्स दो लाख से ऊपर आये। जबकि प्राइवेट लैब से कराने पर दस हजार से भी कम आई। ऐसे कई मामले उस दौरान सामने आये थे।

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