16 दिसंबर को उत्तराखंड में राहुल गांधी करेंगे चुनावी शंखनाद

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उत्तराखंड में 2022 के चुनावी शंखनाद के लिए 16 दिसंबर को देहरादून आ रहे राहुल गांधी की जनसभा के केंद्र में सैनिक और पूर्व सैनिक होंगे। उत्तराखंड की सैनिक बहुल पृष्ठभूमि ही है, जिसे ध्यान में रखकर कांग्रेस ने इस कार्यक्रम की तिथि तय की और समारोह का नामकरण किया। 1971 के बांग्लादेश युद्ध में इसी दिन भारत ने पाकिस्तान पर निर्णायक जीत दर्ज की थी। प्रियदर्शनी शौर्य सम्मान समारोह में राहुल कांग्रेस शासनकाल में सैनिकों के इसी पराक्रम को याद दिलाते हुए गरजेंगे। भाजपा की चुनावी तैयारी की काट के लिए प्रमुख विपक्षी दल ने इस बार सोच-विचार कर कदम आगे बढ़ाए हैं।

उत्तराखंड की कई पर्वतीय और मैदानी सीटों पर सैनिक पृष्ठभूमि या इससे जुड़े मतदाताओं का प्रभाव देखा जाता है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही दलों में इन मतदाताओं को लुभाने के लिए होड़ लगी रहती है। अगले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस इस बार बेहद सधे अंदाज में अपनी रणनीति को मूर्त रूप दे रही है। पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद भाजपा केंद्र की एनडीए सरकार के पराक्रम को आधार पर बनाकर चुनावी व्यूह रचना करती रही है। पिछले लोकसभा चुनाव परिणाम पर भी इस रणनीति का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखने को मिल चुका है। 2017 में भी सैनिक मतदाताओं को लुभाने की भाजपा की रणनीति का असर देखा जा चुका है।

मोदी की रैली का जवाब देंगे राहुल

कांग्रेस पिछले चुनाव में मिली हार से सबक लेकर ही अगले विधानसभा चुनाव में सैनिक पृष्ठभूमि के मतदाताओं को रिझाने में कसर नहीं छोड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बीते चार दिसंबर को हुई रैली का जवाब देने को होने जा रही राहुल गांधी की जनसभा की तैयारी खास तरीके से की जा रही है। 1971 में बांग्लादेश युद्ध में भारत को निर्णायक जीत 16 दिसंबर को मिली थी। केंद्र सरकार इस युद्ध की 50वीं की सालगिरह को धूमधाम से मना रही है। वहीं राज्य की भाजपा सरकार पांचवें सैन्य धाम का निर्माण कर रही है। इस सिलसिले में शहीद सैनिक सम्मान यात्रा प्रदेशभर में निकाली जा रही है।

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