पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय, नागपुर जाने के बाद अब राज्यसभा सदस्य अमर सिंह भी आरएसएस के मुरीद हो गए हैं। समाजवादी पार्टी से निष्कासित सांसद अमर सिंह ने सभी राजनीतिक दलों को आरएसएस से सीख लेने की सलाह दी है।
अमर सिंह ने साफ कहा है कि आरएसएस अवसरवादी राजनीति में विश्वास नहीं करता है। राजनीतिक दल इससे सलाह लें। अमर सिंह ने अब खुलकर संघ का समर्थन किया है। अमर सिंह ने कहा कि आरएसएस अवसरवादी राजनीति में विश्वास नहीं करता है और सभी राजनीतिक दलों को उससे सबक लेना चाहिए।
आरएसएस को किया जाता है बदनाम
उन्होंने कहा कि चंद दिनों की पहचान में मैंने पाया कि आरएसएस को बदनाम किया जाता है। आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी ने मेरा बहुत सम्मान किया। मुझे मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया और सम्मानित किया। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी संघ की यह विशिष्टता देखी होगी कि संघ किसी को अपनाता नहीं है।
अमर सिंह ने कहा कि मैं आरएसएस के प्रति अपना आभार प्रकट करना चाहूंगा और मैं यह महसूस करता हूं कि यह अवसरवाद की राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं। देश के अन्य राजनीतिक दलों को उनसे सबक सीखना चाहिए।
अमर सिंह ने ट्विटर पर एक विडियो संदेश जारी कर कहा कि मैंने अपना सारा जीवन समाजवादी पार्टी को दे दिया लेकिन समाजवादी पार्टी की जब 25वीं सालगिरह मनाई गई तो स्वयं मुलायम सिंह ने कहा कि आपका योगदान तो बहुत है लेकिन आपके इस कार्यक्रम में आने से अखिलेश यादव नाराज हो जाएगा। मैं बहुत दुख के साथ आपको सलाह देता हूं कि आप लखनऊ के कार्यक्रम में न आएं।