उत्तराखण्ड विधानसभा का सात दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू, सत्र के हंगामेदार रहने के आसार

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विधानसभा का सात दिवसीय शीतकालीन सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कानून व्यवस्था पर कांग्रेस ने नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। जिसके बाद प्रश्न काल शुरू हुआ। कांग्रेस के कुछ विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए।

वहीं, विपक्ष राज्य में कानून व्यवस्था, वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, गैरसैंण में सत्र, भर्ती घोटाले जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है। सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। पांच दिसंबर तक प्रस्तावित सत्र के पहले दिन सरकार शाम चार बजे 4867 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करेगी। विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की सोमवार को हुई बैठक में सत्र के पहले दिन का एजेंडा तय किया गया। पहले दिन विभिन्न विभागों से संबंधित छह संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे। सत्र के लिए विधायकों ने 616 प्रश्न लगाए हैं।

तथ्यों व तर्कों के साथ विपक्ष के हमलों का जवाब दें मंत्री, विधायक

इससे पहले विधानसभा के मंगलवार से प्रारंभ होने वाले सत्र के लिए सरकार और भाजपा संगठन ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दिया। सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास में हुई भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में मंत्री, विधायकों को निर्देश दिए गए कि वे पूरी तैयारी के साथ सदन में जाएं। साथ ही पूरी शालीनता से तथ्यों व तर्कों के आधार पर विपक्ष के हमलों का सारगर्भित जवाब दें।

बैठक के दौरान तमाम विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के साथ ही पार्टी संगठन से जुड़े विषयों को लेकर अपना दर्द भी खुलकर उकेरा। सूत्रों के अनुसार कुमाऊं क्षेत्र के एक विधायक ने उनके जिले में संगठन में दिए गए दायित्व के बारे में उनसे कोई राय न लेने का आरोप भी लगाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की उपस्थिति में हुई विधानमंडल दल की करीब तीन घंटे चली बैठक में विधानसभा के शीतकालीन को लेकर मुख्य रूप से चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार मंत्रियों से कहा गया कि वे गहन होमवर्क करके सदन में जाएं, ताकि विधायकों के प्रश्न सही ढंग से उत्तरित हो सकें।

कांग्रेस की रणनीति, सरकार पर पूरी ताकत से आक्रमण

वनंतरा रिसार्ट प्रकरण समेत प्रदेश की कानून व्यवस्था और भर्ती घोटाले के हथियार से विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार पर तीखे प्रहार किए जाएंगे। कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में भाजपा सरकार के विरुद्ध तेवर आक्रामक रखने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि कम रखने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज को जानबूझकर दबाने के लिए यह रणनीति अपनाई जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की अध्यक्षता में सोमवार देर सायं उनके आवास पर हुई कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में विधानसभा सत्र के लिए मुद्दों को धार देने को रणनीति तय की गई।

प्रदेश में कानून व्यवस्था, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा घोटाले, ट्रांसपोर्टर हड़ताल, आपदा से जनता को हुई कठिनाई के साथ ही विधानसभा क्षेत्रों के विषयों को भी सत्र में प्रमुखता से उठाया जाएगा। बैठक में पार्टी के कुल 19 में से 16 विधायक उपस्थित रहे। अनुपस्थित रहे तीन विधायकों में मयूख महर, खुशहाल सिंह अधिकारी एवं फुरकान अहमद सम्मिलित रहे।

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