सवर्ससम्मति से जिला पंचायत ने किया शराबबंदी का प्रस्ताव पारित

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शनिवार को जिला पंचायत की बैठक में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के शराबबंदी के प्रस्ताव का सदस्यों ने मेजें थपथपा कर स्वागत कर सहमति दी। झबरेड़ा जहरीली शराब कांड के बाद जिला पंचायत हरिद्वार ने जिले में शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में पहले से ही मद्यनिषेध लागू है। जहरीली शराब कांड में सौ से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

शनिवार को जिला पंचायत की बैठक में विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि हरिद्वार जिला पूरी तरह से धार्मिक है। कलियर शरीफ के साथ ही विधायक ने जिले में कई अन्य प्राचीन धार्मिक स्थलों का उल्लेख करते हुए शराबबंदी लागू करने की मांग की।

कर्णवाल ने कहा कि धार्मिक जिला होने के कारण उत्तर प्रदेश में रहते हुए वर्ष 1970 से 1980 तक हरिद्वार जिले में शराबबंदी लागू थी। बैठक में सदस्यों के साथ ही विधायक फुरकान अहमद ने भी सहमति प्रकट की। प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया। इससे पहले उपाध्यक्ष राव आफाक अली ने जहरीली शराब कांड का मुद्दा उछालते हुए कहा इस कांड ने दो राज्यों को झकझोर कर रख दिया है।

उन्होंने जहरीली शराब कांड में मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा और परिवार में किसी एक को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी। जिले में हर माह पुलिस लाखों रुपये की शराब जब्त करती है। पथरी, श्यामपुर, अकोड़ा खुर्द क्षेत्र के जंगलों में कच्ची शराब की भट्टियां धधकती देखी जा सकती है।‘

चुनाव के दौरान तो नेता ही परोसते हैं शराब

बैठक में शराबबंदी के प्रस्ताव पर कुछ सदस्यों ने यह कहकर चुटकी ली कि चुनाव के दौरान तो नेता ही जमकर शराब परोसते हैं। इस पर अंकुश लगना चाहिए तो देशराज कर्णवाल बोले-उन्होंने तो अपने चुनाव में शराब नहीं बांटी।

हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में भले ही शराबबंदी लागू हो, लेकिन अवैध रूप से शराब की बिक्री जोरों पर है। दर्जनों ऐसे मामले सामने आ चुके है। धर्मनगरी के कोने-कोने में शराब माफिया सक्रिय हैं। चुनावों के दौरान शराब की जखीरे तक पुलिस ने पकड़े हैं। बीते शुक्रवार को शहर के प्रबुद्ध लोगों के साथ पुलिस ने एक बैठक की तो बैठक में अधिकांश लोगों ने शहर में चल रहे नशे के अवैध धंधे को लेकर पुलिस को कटघरे में खड़ा किया था।

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