हरिद्वार। जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला गंगा संरक्षण से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं को चर्चा के लिये सदस्य संयोजक/उप वन संरक्षक, जिला गंगा संरक्षण समिति श्री मयंक शेखर झा ने जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत किया।
बैठक में सर्वप्रथम कस्सावान नाले में आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने के सम्बन्ध में चर्चा हुई। इस पर जिलाधिकारी ने नगर निगम, खाद्य सुरक्षा अधिकारी आदि से कस्सावान नाले की वस्तुस्थिति के सम्बन्ध में जानकारी ली, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में नाला पूरी तरह टैप है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट करते हुये कहा कि अब इसे और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट को इस सम्बन्ध में कोआर्डिनेट करते हुये सप्ताह में दो दिन कस्सावान नाले का मयफोर्स पूरी टीम के साथ निरीक्षण करने, जो भी अवैध दुकानें चल रही हैं, उन्हें तुरन्त सील करने एवं उनके खिलाफ संगत धाराओं में कार्रवाई करते हुये जुर्माना लगाये जाने के निर्देश दिये।
बैठक में विभिन्न नालों पर जो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, के सम्बन्ध में चर्चा हुई, जिस पर नगर आयुक्त ने बताया कि दो और कैमरे नालों पर स्थापित किये जाने हैं, जो अभी स्थान चिह्नित नहीं होने के कारण स्थापित नहीं हो पाये हैं, जिन्हें एक-दो दिन के भीतर स्थान चिह्नित करके स्थापित कर दिया जायेगा। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जितने भी नालों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये किये गये हैं, उन्हें सीसीआर के कण्ट्रोल रूम से जोड़ा जाये।
बैठक में नमामि गंगे परियोजना में इंस्टीट्यूशनल एण्ड इण्डस्ट्रियल इस्टेट प्लांटेशन मद में पांच लाख पौधे लगाये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से जानकारी ली। इस पर आपदा प्रबन्धन अधिकारी ने बताया कि तहसील लक्सर क्षेत्रान्तर्गत बाढ़ प्रभावित वाले ग्रामों में ग्राम रामपुर रायघाटी से लेकर ग्राम बालावाली तक गंगा नदी के पश्चिम दिशा की ओर बने तटबन्ध के किनारे लगभग 10 किलोमीटर तक पौंधारोपण कर तटबन्ध को सुरक्षित किया जा सकता है, जिसके लिये संयुक्त सर्वेक्षण किया जाना है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जल्द से जल्द संयुक्त सर्वेक्षण करते हुये पौधारोपण के लिये स्थान चिह्नित कर पौंधारोपण करना सुनिश्चित करें।
हरिद्वार स्थित विभिन्न गंगा घाटों, नालों व अन्य स्थानों पर हुये अवैध अतिक्रमण के सम्बन्ध में विचार-विमर्श के दौरान अधिकारियों ने बताया कि इधर लगातार अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इस पर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अवैध अतिक्रमण अगर कहीं पर है, तो वह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
फ्लड प्लेन चिह्नीकरण एवं रिवर बैड अतिक्रमण के सम्बन्ध में बैठक मंे चर्चा के दौरान अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड ने अवगत कराया कि प्रकरण शासन को प्रेषित किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने बैठक में गंगा नदी/नहर आदि में यात्रियों व अन्य द्वारा पुलों पर से पूजा सामग्री/कूड़ा डाले जाने के सम्बन्ध में, इसकी रोकथाम के लिये जाली लगाये जाने के निर्देश के क्रम में पूछे जाने पर अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) ने बताया कि टीम द्वारा सर्वानन्द घाट पुल, वीआईपी घाट, स्वामी नारायण घाट पुल, चण्डी घाट पुल, तथा तिरछा पुल शंकराचार्य चौक आदि का निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इन स्थानों में जाली लगानी नितान्त आवश्यक है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई को इन चिह्नित स्थानों पर जाली लगाने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त अधिकारियों ने जानकारी दी कि ऊपरी गंग नहर पर निर्मित पुलों-तुलसी पुल, सिंहद्वार पुल एवं जटवाड़ा पुल पर जाली लगाने का कार्य पूर्ण कर दिया गया है।
जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में खण्डित मूर्तियों को गंगा व अन्य नदियों में विसर्जित किये जाने के प्रकरण पर भी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिये कुण्डों के निर्माण हेतु स्थानों-बैरागी कैम्प स्थित एल प्वाइण्ट, बैरागी कैम्प स्थित ही नया पुल, सीसीआर के निकट वीआईपी घाट, कनखल स्थित सती घाट पर कुण्डों के निर्माण हेतु स्थान प्रस्तावित किये गये हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मूर्तियों का विसर्जन निर्धारित चिह्नित स्थानों पर ही किया जाये तथा नगर निगम चिह्नित स्थानों में इस सम्बन्ध में सूचनापरक बोर्ड स्थापित करना सुनिश्चित करे।