देहरादून में खुले में कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध एक्ट 2016 के अंतर्गत पहली बार केस दर्ज किया गया है। राजपुर रोड स्थित एक होटल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ नगर निगम ने खुले में कूड़ा फेंकने के आरोप में शहर कोतवाली में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि बीती देर रात यह तीनों कर्मचारी चोरी छिपे खुले मैदान में कूड़ा डाल रहे थे। नगर निगम की शिकायत पर होटल कर्मियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
नगर आयुक्त विजय जोगदंडे ने बताया कि बुधवार रात दस बजे के बाद वह शहर में सफाई के निरीक्षण को निकले। सचिवालय के पास खुले मैदान में पहुंचे तो कुछ लोग कूड़ा फेंकते हुए दिखाई दिए। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि राजपुर रोड स्थित कालसंग होटल में काम करते हैं और काम खत्म होने के बाद यहां कूड़ा डालने आए थे।
इस पर कोतवाली पुलिस को मौके पर बुलवा लिया गया। पुलिस तीनों को हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई। कर्मचारी जिस वाहन से आए थे,उस वाहन को भी पुलिस ने सीज कर दिया। नगर आयुक्त ने बताया कि खुले में कूड़ा फेंकने के मामले में निगम की ओर से होटल संचालकों को भी नोटिस जारी किया जा रहा है।
केस दर्ज करने में असमंजस में पड़ी पुलिस
खुले में कूड़ा फेंकने के मामले में कोतवाली भेजे गए तीनों आरोपियों के मामले में पुलिस इस बात पर उलझ गई कि यह क्या मसला है और जब केस दर्ज करने की बात आई तो पहली बार पुलिस भी नहीं समझ पाई कि किस धारा में कार्रवाई की जानी है। बाद में नगर निगम ने कोतवाली पुलिस को इस एक्ट के बारे में जानकारी दी। नगर आयुक्त ने बताया कि एक्ट के तहत कूड़ा सार्वजनिक स्थल, नाली आदि जगह में फेंकने पर छह माह की सजा का प्रावधान है।