उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच के आह्वान पर आधा दर्जन परिसंघ से जुड़े कर्मचारी दो दिन के कार्य बहिष्कार पर हैं। कर्मचारी सामूहिक रूप से कहीं एकत्र नहीं हुए हैं, लेकिन अपने-अपने कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।दरअसल, प्रदेशभर में उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी, शिक्षक संगठन, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, उत्तराखंड फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन महासंघ, सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ, राजकीय वाहन चालक महासंघ अपनी मांगों को लेकर कार्यबहिष्कार पर हैं। जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कार्य बहिष्कार का सबसे ज्यादा असर आरटीओ में नजर आ रहा है। हालांकि, लोनिवि, नागरिक आपूर्ति, ग्रामीण निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग आदि में भी कामकाज प्रभावित है।
प्रमुख मांगें: सातवें वेतनमान की संस्तुति के आधार पर भत्तों का अविलंब भुगतान। सभी कार्मिकों को यू-हेल्थ स्मार्टआ कार्ड की सेवा का लाभ मिले। सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदोन्नति अनुमन्य की जाएं। पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाए। सेवानिवृत्ति के अंतिम वर्ष में स्वेच्छा के आधार पर स्थानांतरण किया जाए। इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित वेतन समिति की रिपोर्ट का संज्ञान न लिया जाए।
टनकपुर में भी काम ठप
टनकपुर में परिवहन निगम के मिनिस्ट्रियल कर्मचारी अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर दो दिवसीय कार्यबहिष्कार पर हैं। मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से एआरटीओ कार्यालय में टैक्स जमा करने और लाइसेंस बनाने के लिए आ रहे लोगों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है।