ईंधन उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों से लोगों को केंद्र सरकार ने शनिवार को बड़ी राहत दी, जिसमें पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बड़ी कटौती करने की घोषणा की गई। केंद्र सरकार के इस बड़े फैसले के बाद कई राज्यों ने भी इस कड़ी में कदम उठाते हुए ईंधन की कीमतों में कटौती की। वहीं केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस संबंध में सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने विपक्षी शासित राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने को कहा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राजस्थान, महाराष्ट्र और केरल के वरिष्ठ नेताओं को केंद्र द्वारा की गई कार्रवाइयों के लिए श्रेय का दावा करते हुए और वित्त मंत्री द्वारा घोषित केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती के कारण वैट घटक में आनुपातिक कमी को पारित करने की कोशिश करते हुए देखकर पूरी तरह से आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि वैट में उनकी खुद की कमी थी।
महंगाई से राहत देने के लिए शनिवार को केंद्र सरकार ने कई राहत भरे फैसले किए
ज्ञात हो कि वैश्विक परिस्थितियों की वजह से लगातार बढ़ रही महंगाई से राहत ईंधन उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों से लोगों को केंद्र सरकार ने शनिवार को बड़ी राहत दी देने के लिए शनिवारर को केंद्र सरकार ने कई राहत भरे फैसले किए। सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में आठ रुपए तो डीजल पर छह रुपए की कटौती की गई। इससे पेट्रोल की कीमतों में 9.5 रुपए प्रति लीटर तो डीजल में सात रुपए प्रति लीटर की राहत मिल सकती है। राज्यों की तरफ की तरफ से वैट में कटौती होने पर यह राहत और अधिक हो सकती है, कई राज्य इसे लेकर आनाकानी कर रहे हैं। पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकारी खजाने पर एक लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा।
लाभार्थियों को 12 सिलेंडर तक 200 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी
पिछले साल दीपावली से ठीक पहले पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में पांच रुपए तो डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 10 रुपए की कटौती की गई थी। शनिवार को उज्जवला योजना में शामिल नौ करोड़ लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 200 रुपए की सब्सिडी देने का भी फैसला किया गया। लाभार्थियों को 12 सिलेंडर तक 200 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इससे सरकारी खजाने पर 6100 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। छोटे उद्यमियों को राहत देने के लिए प्लास्टिक व स्टील से जुड़े कच्चे माल के आयात शुल्क में कटौती की जाएगी, ताकि उनकी उत्पादन लागत कम हो सके।