उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता और असीम संभावनाओं का प्रदेशः सीएम रावत

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमेरिका और अन्य देशों में बसे उत्तराखंड से जुड़े प्रवासी भारतीयों से संवाद किया। सीएम ने कहा कि राज्य में विभिन्न योजनाओं में निवेश से प्रवासी बंधु आर्थिक रूप से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक तौर पर भी इस पवित्र देवभूमि से जुड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्य उत्तराखंड की जलवायु फूड प्रोसेसिंग, आइटी इंडस्ट्रीज, बायो टेक्नोलॉजी के लिए काफी अनुकूल है। योग, आयुर्वेद, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के विकास की अपार संभावनाएं हैं। राज्य के पास संसाधन और अवसर भी पर्याप्त हैं। इसलिए इन्वेस्टर समिट का नाम डेस्टीनेशन उत्तराखंड दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून एयरपोर्ट देश के व्यस्ततम एयरपोर्ट में शामिल होने जा रहा है। उड़ान योजना के बाद एयर कनेक्टिविटी को राज्य के कोने-कोने तक मुहैया कराया जा रहा है। ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन चार धामों तक सड़क और रेल कनेक्टिविटी को और मजबूती देंगे। पर्वतीय राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड देश के प्रमुख शहरों से सड़क, रेल और हवाई सेवा नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। राज्य के बिजनेस हब हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जैसे जिले देश के प्रमुख व्यापारिक बाजारों से मजबूत रेल नेटवर्क से जुड़े हैं।

सीएम ने बताया कि उत्तराखंड में सर्विस सेक्टर में अनंत संभावनाएं हैं। कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार हैं। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान करीब 39 फीसद है। डिजिटल भारत की विकास यात्रा में डिजिटल उत्तराखंड आने वाले समय में बड़ी भूमिका निभाएगा। राज्य में निवेश के लिए दोस्ताना माहौल है। सरकार निवेशकों को तमाम सहूलियतें दे रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य की स्थिति अच्छी है। निवेशकों की राह आसान बनाने को सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू है।

उत्तराखंड में अध्यात्म, वेलनेस, पर्यटन द वभूमि कुदरत के अनमोल खजाने से भरपूर है। कण-कण में भक्ति, योग, धर्म, संस्कृति, अध्यात्म, पर्यटन झलकता है। टूरिज्म सेक्टर के विस्तार को टूरिज्म को उद्योग का दर्जा दिया है। 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड टूरिज्म डेस्टीनेशन बना रहे हैं। उत्तराखंड अध्यात्म व वेलनेस का केंद्र है। गंगा किनारे, शांत वादियों व हिमालय में योग तो दुर्लभ जड़ी-बूटियों और औषधीय गुणों के आयुर्वेदिक उत्पाद मौजूद हैं।

पिरूल नीति महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का प्रमुख कारक

सोमवार को सचिवालय में पिरुल और सोलर नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जन हित से जुड़ी इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकना, युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसी को देखते हुए राज्य में पिरुल नीति और सोलर नीति बनाई गई हैं। इन नीतियों का बेहतर क्रियान्वयन राज्य हित में है। उन्होंने कहा कि पिरूल नीति महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का प्रमुख कारक बन सकती है। इससे वनाग्नि को रोकने में मदद मिलने के साथ ही ऊर्जा और बायोगैस आदि तैयार कर युवाओं के लिए स्वरोजगार की भी राह प्रशस्त होगी।

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