विश्व धरोहर फूलों की घाटी शीतकाल के लिए हुई बंद

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इस वर्ष वन विभाग को आपदा वर्ष 2013-14 के बाद सबसे कम राजस्व की प्राप्ती हुई है। 13-14 में 77,875 रुपयों की आय वन विभाग को हुई थी लेकिन इस बार 1,36,650 रुपयों की आय हुई है। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी 1 अगस्त को खोली थी। दो महीने में 911 सैलानियों ने विश्व धरोहर फूलों की घाटी के दीदार किए। फूलों की घाटी शनिवार को दोपहर 12 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दी गई है।

घाटी बंद होने के बाद अवैध शिकारियों का बढ़ जाता खतरा

रेंज अधिकारी वृजमोहन भारती ने कहा कि यद्यपी घाटी टूरिस्टों के लिए बंद कर दी गई है लेकिन विभागीय गतिविधियां जारी रहेंगी। कहा कि घाटी बंद हो जाने के बाद यहां अवैध शिकारियों का खतरा बढ़ जाता है इसलिए विभागीय निर्देश मिलने के बाद आवश्यक जगहों में ट्रेप कैमरे लगाए जाएंगे साथ ही विभागीय गस्तें होती रहेंगी, ताकि घाटी में पाए जाने वाले दुलर्भ वन्य जीवों को अवैध शिकारियों से बचाया जा सके। डीएफओ नन्दा बल्लब शर्मा ने बताया कि अब घाटी को आगामी 1 जून 2021 को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। बताया इस बार बेहतर बटिया मार्ग बनाने का लक्ष्य है।

फूलों की घाटी नेशनल पार्क में कस्तुरा मृग, स्नो लेपर्ड समेत अन्य दुलर्भ वन्य जीव पाए जाते हैं , घाटी बंद हो जाने के बाद यहां मानव हस्तक्षेप कम हो जाता है जिस कारण से यहां अवैध घुसपैठियों का पसंदीदा स्थल बन जाता है। घाटी में पाए जाने वाले दुलर्भ वन्य जीवों पर बर्फबारी के समय दिसंबर अंत से फरवरी अंत तक सबसे अधिक खतरा रहता है। क्योंकि इस समय घाटी में आठ से दस फीट तक बर्फ मौजूद होती है।

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