महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बीते गुरुवार की शाम अपने पैतृक गांव नामटी चेटाबगड़ पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने सम्मान समारोह आयोजित कर उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर प्रशासन ने उन्हें गांव में गार्ड आफ आर्नर दिया। सम्मान समारोह में कोश्यारी ने ठेठ पहाड़ी अंदाज में ग्रामीणों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी पारंपरिक खेती में ध्यान देना होगा। कहा कि पहाड़ के युवाओं को शिक्षा पर बहुत ध्यान देना चाहिए। पढ़ाई-लिखाई से उनकी सभी समस्या दूर होगी। मजाकिया लहजे में कहा थोड़ा और पढ़ा होता तो राज्यपाल नहीं पीएम भी होता।
कोश्यारी बीते गुरुवार की सायं नामटी चेटाबगड़ पहुंचे जहां विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया, पूर्व जिपं अध्यक्ष विक्रम शाही व राम सिंह समेत ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। जबकि प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी विनीत कुमार व एसपी अमित श्रीवास्तव भी वहां मौजूद थे। पुलिस की गार्द ने उन्हें गार्ड आफ आनर दिया।
अपनी संस्कृति को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं पहाड़ की महिलाएं
सम्मान समारोह में भगत सिंह कोश्यारी ने ठेठ पहाड़ी अंदाज में कहा कि मां भगवती की कृपा व जनता के आशीर्वाद से विभिन्न पदों में रहने के साथ ही मैं मुख्यमंत्री बना और नैनीताल की जनता ने लोकसभा में भेजा। राष्ट्रपति ने मुझे आपके प्रेम व मां भगवती की कृपा से महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया। मैं राज्यपाल पद संभालने के बाद मां भगवती का आशीर्वाद लेने आया हूं। कहा कि पहाड़ की महिलाएं अपनी संस्कृति को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं।
बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि कल्याण राम उनको रमाड़ी की चढ़ाई में पीठ में ले जाते थे। मैं गांव से पिथौरागढ़ तक पैदल गया हूं। मेरे माता पिता ने मुझे खेती करके पढ़ाया है। उन्होंने युवाओं से पढ़ाई के साथ ही पारंपरिक खेती पर ध्यान देने को कहा। कहा कि सरकार ने विकास किया तो अब सड़क से चल रहे हैं। पहाड़ में खेती की संभावनाएं हैं। उन्होंने भीम सिंह कोरंगा के शामा में किवी की खेती को युवाओं के लिए आदर्श बताया। कोश्यारी केंद्र व प्रदेश सरकार के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान राशि देकर किसानों के हित में कार्य किया है। इसके बाद कोश्यारी अपने पैतृक आवास को रवाना हुए जहां उनके स्वजनों व गांव की महिलाओं ने उनका तिलक लगाकर अभिनंदन किया।