भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान पर तीखा प्रहार करते हुवे कहा कि हरीश रावत अपने शासन काल के कुकृत्यों व कुशासन को क्यों भूल जाते है,कैसे उनके साशन काल मे उत्तराखंड राज्य में भय और भ्रष्टाचार अपने चरम पर था , कैसे उनकी सरकार शराब व खनन माफियाओं के लिए सारे नियम कायदे बदल देती थी , उन्होंने कहा कि हरीश के शासन में जब उन्होंने खनन करने के लिए मोक्षदायिनी मां गंगा के अस्तित्व को बदलने का कुकृत्य कर दिया था, जब हरिद्वार में खुलेआम खनन माफियाओं ने एक महिला अफसर की गाड़ी के ऊपर डंपर चड़ा दिया था, माफियाओं के हौसले इतने मजबूत थे कि रुड़की जेल के बाहर ही फायरिंग करते माफिया नजर आते थे,
कैंथोला ने कहा कि हरीश रावत जबाब देगे क्या की वो किसके लिए उत्तराखंड राज्य का सौदा एक स्टिंग में कर रहे थे,और वह खराब माफियाओं से गठजोड़ का सबूत डेनिस को कैसे भूल जाते है, आज वह राज्य की जनता की जनभावनाओं की बात कर जो नौटंकी कर रहे है तब रावत का उत्तराखंड के जनभावनाओं प्रति उत्तर दायित्व कहां खो गया था, जब वह केवल अपने नेताओं की परिक्रमा में तल्लीन थे राज्य के अंदर भय भ्रस्टाचार का माहौल था, अगर उन्होने राज्य के लिए कुछ किया होता तो 2017 में औऱ 2022 में उनकी व उनकी पार्टी की ऐसी दुर्दशा न होती,आज भाजपा को जनता ने दो- दो बार अपना आशीर्वाद इसलिए दिया है ताकि अपने प्रदेश को कांग्रेस की भय भृष्टाचार की प्रतिबिंब काली छाया दूर रखा जा सके,
कैंथोला ने कहा की आज केवल कांग्रेस में भाई भतीजावाद चल रहा है, कैंथोला ने कहा कि रावत को यह भी याद करना चाहिए कि कैसे उनकी सरकार में केदारनाथ के त्रासदी से त्रस्त आहत लोगों को राहत के नाम पर उनके नेता बंदरबांट कर रहे थे, यह दृश्य उत्तराखंड ही नहीं देश व विदेश के लोगों ने भी अच्छी तरह से देखा था तब उन्होंने कभी उत्तराखंड व प्रदेश की साख पर लग रहे दाग पर मुंह तक नहीं खोला था। कोरोना काल में केवल मीडिया में बयान देने व सरकार को कोसने के अलावा रावत व उनकी पार्टी पूरे समय लॉक डाउन में लॉक ही रही। कैंथोला ने कहा तब उस समय भी भाजपा का एक एक कार्यकर्ता घर से बाहर निकलकर अपने प्राणों की परवाह न करते हुए सेवा कार्य में लगा हुआ था, उन्होंने कहा कि की हरीश रावत समेत कांग्रेस के सारे नेताओं का काम हमेशा से केवल अपने हितों को संरक्षण करना रहा है ।