‘जहां बलिदान हुये मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है, जो कश्मीर हमारा है, वह सारा का सारा है’

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रिपोर्ट … क्रांति मिषन डॉट काम
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता और कश्मीर में दो प्रधान दो निशान व दो विधान की व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करते हुये अपना बलिदान दिया, जिसे इतिहास में हमेशा याद किया जायेगा। भट्ट ने यह बात भाजपा प्रदेश कार्यालय में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित गोष्ठी में कही। इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, अन्य वरिष्ठ नेता तथा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भट्ट ने कहा कि 21 अक्टूबर 1951 को डॉ मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई। 1952 में हुये लोकसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ को मात्र तीन सीटें मिली। डॉ मुखर्जी ने उस समय घोषित किया कि वे कश्मीर में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान के खिलाफ कश्मीर कूच करंेगे लेकिन उन्हें मार्ग में ही गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया जहां उनकी हत्या कर दी गई। डॉ मुखर्जी ने देश के लिये अपना जीवन उत्सर्ग कर दिया, जो हम सब के लिये सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। भाजपा कार्यकर्ताओं को देश की एकता के लिये अपने संकल्प पर मजबूती से रहना है। उन्होंने नारा दिया कि ‘जहां बलिदान हुये मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है, जो कश्मीर हमारा है, वह सारा का सारा है।’
राष्ट्रीय उपाध्य़क्ष व प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने सिद्धांतों से अडिग है और राष्ट्रहित में जो उचित है वह कार्य करती है। उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी ने देश की एकता के लिये अपने प्राणों का बलिदान दिया जो सदैव याद रहेगा। आज कश्मीर में जो स्थितियां है उन्हें देखते हुये हाल ही में भाजपा ने राष्ट्रहित में सत्ता छोड़ दी।
प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेन्द्र भसीन ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने जिन सिद्धांतों को लेकर अपना बलिदान दिया उनकी प्रासंगिता आज भी बनी हुई है और राष्ट्र विरोधी ताकतें जिस तरह देश का विघटन का षड़यंत्र कर रही हैं उसका हम भाजपा कार्यकर्ताओं को दृढ़ता से उत्तर देना है। महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने हमेशा देश हित को सर्वोपरि माना और नेहरू मंत्रिमंडल में होते हुये भी इसलिये त्यागपत्र दे दिया कि क्योंकि वे नेहरू जी की तुष्टिकरण की नीति के विरूद्ध थे। कांग्रेस छोड़कर उन्होंने गुरू जी के साथ वार्ता कर भारतीय जनसंघ की स्थापना की। प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति गैराला ने संचालन किया। इस अवसर पर सह मीडिया प्रभारी बलजीत सोनी, शादाब शम्स, पूर्व प्रवक्ता विश्वास डाबर, सीताराम भट्ट, पुनीत मित्तल, डॉ आदित्य कुमार, रजनी कुकरेती, मधु भट्ट सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।