पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू निशाने पर आने के बावजूद पाक राग समाप्त नहीं हुआ है। पुलवामा आतंकी हमले में 44 जवानों की शहादात के बावजूद वह पाकिस्तान को क्लीनचिट ही नहीं दे रहे बल्कि उससे दोस्ती कायम रखने कर बात कर रहे हैं। सिद्धू के खिलाफ कांग्रेस में भी उठ रही है। आवाज अपनी ही पार्टी में उन्हें बर्खास्त करने की मांग उठने लगी है। लुधियाना से पार्टी महासचिव पवन दीवान ने सिद्धू को कैबिनेट से बर्खास्त कर उन पर देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है।
शनिवार को सिद्धू ने फिर कहा कि आतंक के लिए किसी भी देश और व्यक्ति को विशेष जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता। सिर्फ चार आतंकियों के हमले के चलते दो देशों में बढ़ रहे विकास एवं दोस्ती पर असर नहीं पड़ना चाहिए। सिद्धू के बयान के विरोध में लुधियाना और अमृतसर सहित राज्य में कई जगह प्रदर्शन हुए। पंजाब भाजपा ने भी सिद्धू पर जमकर निशाना साधा है और उनको मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की है।
मैं देशभक्त हूं, इस पर सवाल उठाने का हक किसी को नहींः सिद्धू
पत्रकारों से बातचीत में सिद्धू ने कहा कि आतंकी हमले करने वाले आतंकवादियों का मकसद दोनों देशों के बीच दरार डालना है। कहा कि ऐसे हमलों से करतारपुर कॉरिडोर का काम नहीं रुकना चाहिए। सिद्धू ने कहा, मैं देशभक्त हूं, इस पर सवाल उठाने का हक किसी को नहीं है। मेरा कहना है कि दो देशों के विकास के मुद्दों पर आतंकवाद भारी नहीं पड़ना चाहिए। लुधियाना के पार्क प्लाजा में एक कार्यक्रम में पहुंचे सिद्धू को भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की। इस दौरान भाजपा ने सिद्धू के खिलाफ प्रदर्शन किया और काले झंडे भी दिखाए। वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने सिद्धू के पोस्ट पर कालिख भी पोत दी।
सिद्धू ने कहा कि देश में सभी नेताओं को वीवीआइपी सिक्योरिर्टी दी जाती है। अगर जवानों का इतना बड़ा काफिला पुलवामा से गुजर रहा था, तो सरकार की तरफ से उनकी सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम करने चाहिए थे। यदि इस पर ध्यान दिया जाता और कड़ी सुरक्षा की जाती तो आतंकी हमला करने में नाकाम हो जाते और इतने जवानों की जिंदगी बच जाती। सिद्धू ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर अहमद बाजवा के साथ गले मिलने की बात पर भी अपने पुराने स्टैंड दोहराया।उन्होंने कहा, मैं तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के निमंत्रण पर गए थे, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी बिना न्यौते के ही पाकिस्तान पहुंच गए थे।