ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा के खिलाफ मातृशक्ति ने मोर्चाबंदी की तेज

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रविवार को रानीखेत में ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा के खिलाफ अब मातृशक्ति ने मोर्चाबंदी तेज कर दी है। दूसरे दिन महिलाओं ने जुलूस निकाल तंत्र के खिलाफ प्रदर्शन किया। वर्षो से लंबित जनसमस्याओं का निदान न होने पर जनप्रतिनिधियों को भी कोसा। आरोप लगाया कि अफसरशाही व राजशाही को ग्रामीणों की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं रह गया है। ऐलान किया कि मांगों से कम पर समझौता नहीं किया जाएगा।

सड़क व पुल निर्माण के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा आदि लंबित मुद्दों पर कालीगाढ़ पट्टी रविवार को भी तंत्र विरोधी नारों से गूंजती रही। तहसील की सुदूर न्याय पंचायत कुंवाली में विभिन्न गांवों के बाशिंदे मातृशक्ति के साथ सड़क पर उतर आए। जुलूस की शक्ल में ग्रामीण बाजार होते हुए कुलेश्वर मंदिर परिसर पहुंचे। बेमियादी धरने पर पागसा के ग्रामीण बैठे।

सभा में वक्ताओं ने कुंवाली में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा स्थापित किए जाने, ऐना जाख रोड पर पुल निर्माण व डामरीकरण, गोलूछीना श्रीखेत रोड का विस्तारीकरण, मजखाली दुगौड़ा बवालीपोखर रोड का निर्माण, पेयजल योजनाओं के रखरखाव को नियमित चैकीदार की तैनाती आदि मांगें दोहराई।

अफसर व राजनेताओं को बुनियादी मुद्दों से कोई लेना देना नहीं

समिति अध्यक्ष रघुवीर सिंह परिहार ने कहा, अफसर व राजनेताओं को दूर गांवों में सड़क, स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी बुनियादी मुद्दों से कोई लेना देना नहीं रह गया है। रोष जताया कि वर्षो से मांगें उठाने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही। अन्य वक्ताओं ने कहा, ज्वलंत समस्याओं के निदान को अब आरपार का संघर्ष किया जाएगा।

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