पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए जनसुविधाओं के विकास पर ध्यान देना जरूरी: सीएम त्रिवेन्द्र सिंह

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ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों में विकास नीतियों को धरातल पर उतारने के लिए ग्राम विकास अधिकारी के रिक्त पदों की पैरवी की है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 36 ब्लॉक के 152 गांव में किए गए सर्वेक्षण में लोगों की आय में 25 प्रतिशत का अंतर पाया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए जनसुविधाओं के विकास पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आयोग के सुझावों पर राज्य सरकार प्रभावी पहल करेगी। उन्होंने न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विकास से संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम बनाए जाने की भी जरूरत बताई।

गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने आयोग द्वारा पलायन रोकने के संबंध में तैयार पांचवीं रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। इस रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि मनरेगा के तहत 50 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। इसके लिए ध्यान उन कार्यों पर केंद्रित किया जाना चाहिए जो महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय सृजित कर सकें। महिलाओं को कौशल विकास में प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि वे कुशल श्रमिक के रूप में लाभ उठा सकें।

पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की कमी

महिलाओं को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जमीनी कागजों में पति-पत्नी का नाम सामान्य किए जाने पर बल दिया गया। आयोग ने बंदर और जंगली सूअर से फसलों की सुरक्षा को सभी जिलों में सुरक्षा के लिए दीवार बनाए जाने की पैरवी की है। आयोग ने पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की कमी को इंगित करते हुए इस दिशा में कार्य करने का सुझाव दिया है। औषधीय और सगंध पौधों की खेती को आयोग ने एक महत्वपूर्ण आजीविका उत्पादन की गतिविधि बताते हुए इस पर फोकस किए जाने पर जोर दिया है। स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को गुणवता और प्रमाणन पर विशेष ध्यान देेने की जरूरत है।

उत्पादों की मार्केटिंग और परिवहन के लिए उचित कदम उठाए जाने का सुझाव भी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दिया है। रिपोर्ट में कई सफल कहानियों का उल्लेख किया गया है। इनमें बागेश्वर में मोनाल घाटी की महिला सदस्यों द्वारा बनाई जा रही मंडुवा बिस्कुट की मांग बढ़ी है। स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों और उत्पादन के नए तरीके रास्ते तलाशे जाने चाहिए। इसके अलावा कौशल विकास और आजीविका आवश्यकताओं के बीच स्पष्ट लिंक स्थापित करने की जरूरत भी बताई गई है। आयेाग ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की क्षमता रखने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम कराए जाने पर भी जोर दिया है।

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