केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चा तेल की कोई कमी नहीं है। कच्चा तेल की कीमतों में कुछ तेजी आई है, लेकिन पिछले दो दिनों में इसका दाम घटा भी है। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण कच्चा तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यहां सीआईआई के एक कार्यक्रम से इतर कहा, सरकार ने प्रतीक्षा करो और नजर रखो का रुख अपनाया है। फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक कारणों से फारस की खाड़ी वाले इलाके में तनाव है।
भू-राजनीतिक कारणों से फारस की खाड़ी वाले इलाके में तनाव
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण कच्चा तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यहां सीआईआई के एक कार्यक्रम से इतर कहा, सरकार ने प्रतीक्षा करो और नजर रखो का रुख अपनाया है। फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक कारणों से फारस की खाड़ी वाले इलाके में तनाव है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह अमेरिका-ईरान के बीच तनाव बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले शुक्रवार को चार फीसद की तेजी आई थी। ब्रेंट क्रूड 71 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया था। हालांकि, बाद में दोनों देशों के बीच युद्धा की आशंका खत्म होने से कच्चे तेल के दाम में हल्की नरमी आई। इससे पहले कच्चे तेल की कीमतों में सितंबर में वृद्धि दर्ज की गई थी।
हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहने से पेट्रोल-डीजल के दाम तेरह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 75.96 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है जो 22 नवंबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। डीजल की कीमत भी चढ़कर 69.05 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है। यह 26 नवंबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है।