प्रदेश को केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 1435.95 करोड़ की मिली धनराशि

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प्रदेश को केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 1435.95 करोड़ की धनराशि मिली है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद विकास कार्यों को लेकर छटपटा रही राज्य सरकार के लिए यह राशि किसी मरहम से कम नहीं है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति देने के लिए केंद्र सरकार ने 5.59 फीसद सालाना ब्याज दर पर ऋण लिया है। 23 राज्यों को क्षतिपूर्ति भुगतान को केद्र ने 63,703.15 करोड़ ऋण उठाया है।

राजस्व आमदनी पर पहली तिमाही में करीब डेढ़ से दो हजार रुपये आई कमी

कोरोना काल में लगातार दूसरे वर्ष राज्य की अर्थव्यवस्था सदमे में है। बताया गया कि राजस्व आमदनी पर पहली तिमाही में करीब डेढ़ से दो हजार रुपये कमी आई है। इसी वजह से राज्य सरकार को बीते जून माह में 700 करोड़ बाजार से उधार लेने को विवश होना पड़ा था। चालू वित्तीय वर्ष में दिसंबर माह तक प्रदेश सरकार बाजार से 5500 करोड़ रुपये का कर्ज उठा सकती है। राज्य के लिए यह सीमा तय की गई है।

कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के बाद राज्य सरकार विकास कार्यों की गति तेज करने के लिए हाथ-पांव मार रही है। ऐसे मौके पर जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि मिलने से सरकार सुकून महसूस कर रही है। इससे पहले सरकार को चाल माह में केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान की 647.66 करोड़ की धनराशि मिल चुकी है। 15वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक 7771 करोड़ की धनराशि राजस्व घाटा अनुदान के तौर पर तय की है। इसके मुताबिक हर महीने प्रदेश को अनुदान की किस्त दी जा रही है।

पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य के शहरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों की हिस्सेदारी जल्द तय होगी। आयोग इस संबंध में अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुका है। आयोग अध्यक्ष इंदु कुमार पांडेय इस रिपोर्ट को 19 जुलाई को राजभवन को सौंपेंगे। यह रिपोर्ट आगामी विधानसभा सत्र में पेश की जाएगी। विधानसभा की मंजूरी के बाद राज्य में आयोग की संस्तुति के मुताबिक शहरी निकायों व पंचायतों के लिए राज्य के करों में नई हिस्सेदारी लागू कर दी जाएगी।

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