हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि कुंभ के कामों का मजाक बनाकर रख दिया गया है। उन्होंने कुंभ मेले की तैयारियों की धीमी गति पर नाराजगी जताई है। उन्होंने दो टूक कहा कि आठ फरवरी को श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में कठोर निर्णय लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आश्वासनों के सहारे सरकार संतों को बहकाने का प्रयास ना करे। 13 अखाड़ों के रमता पंच हरिद्वार कुंभ के लिए रवाना हो चुके हैं। अक्तूबर से अखाड़ों के शिविर हरिद्वार में लगने शुरू हो जाएंगे, लेकिन विकास के नाम पर कुंभनगरी हरिद्वार में धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि अखाड़ों में स्थायी निर्माण अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। जबकि, कई श्रद्धालु अखाड़ों में ही पहुंचते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अखाड़ा परिषद संग बैठक में स्थायी निर्माण कराने का आश्वासन दिया था। पर, एक भी अखाड़े में विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखी गई। उन्होंने कहा, मेला प्रशासन बैरागी कैंप से अतिक्रमण तक नहीं हटा पाया है।
नहीं सुधरी सड़कें
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि हाईवे निर्माण अधूरा है। इसी से कुंभ कार्यों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। हाईवे की स्थिति पर कुंभ की सफलता निर्भर करती है। यदि हाईवे और सड़कों की हालत न सुधरी तो यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कुंभ में अखाड़ों को शिविर लगाने के लिए भूमि आवंटन का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया है। कुंभ मेला क्षेत्र विस्तार का काम भी अधर में लटका हुआ है। पूरे हरिद्वार क्षेत्र में धरातल पर कहीं भी कुंभ के काम नजर नहीं आ रहे हैं।