पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से केदारनाथ यात्रा दो घंटे रोकनी पड़ी, इसके बाद पुलिस और एसडीआरएफ की निगरानी में तीर्थयात्रियों की आवाजाही कराई गई। कंचनगंगा में उफान और लामबगड़ में भूस्खलन की वजह से बदरीनाथ हाईवे दोपहर तक बंद रहा। गंगोत्री मार्ग रात उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर थिरांग में मलबा आने से बंद हो गया, जो रविवार सुबह खुल गया। वहीं, यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास दो घंटे बंद रहा। प्रदेश में 110 संपर्क व अन्य मार्ग बारिश और भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हैं। लोनिवि इन्हें खोलने में जुटा है। राज्य मौसम केंद्र ने अगले 24 घंटों के दरम्यान देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और उत्तरकाशी में भारी वर्षा का अनुमान जताया है।
शुक्रवार रात से शनिवार दोपहर तक राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश के दौर चलते रहे। हरिद्वार को छोड़कर बाकी मैदानी इलाकों में छिटपुट बारिश हुई। पर्वतीय जिलों में बारिश की वजह से यात्र मार्गो पर दिक्कतें बनी रही। केदारनाथ पैदल ट्रैक पर भीमबली और लिनचोली के बीच सुबह पहाड़ी से पत्थर गिरने का क्रम चला। इसको देखते हुए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने सुबह करीब दस बजे पैदल यात्रा रोक दी।
तीर्थयात्रियों को भीमबली और लिनचोली में रोक दिया गया। करीब सवा बारह बजे यात्र फिर से शुरू कराई गई। रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी हरीश चन्द्र ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर पुलिस और एसडीआरएफ की देखरेख में आवाजाही कराई जा रही है। केदारनाथ जाने वाला गौरीकुंड हाईवे फाटा से चार किमी आगे चण्डीकाधार व खाट के पास डोलिया देवी में पहाड़ी से मलबा आने से 12 घंटे तक हाईवे अवरुद्ध रहा।
बदरीनाथ मार्ग कंचनगंगा और लामबगड़ करीब पांच घंटे बाधित रहा। दोपहर बाद यहां यातायात सुचारु हुआ। हेमकुंड यात्र मार्ग पर भ्यूंडार गांव में लक्ष्मण गंगा में उफान के चलते यहां बने पुल के दोनों ओर पानी भरने से पुल से आवाजाही में दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। हेमकुंड व फूलों की घाटी जाने वाले यात्री पर्यटकों को पास के ही झूला पुल से आवाजाही कराई जा रही है।
टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे आठ घंटे रहा बंद
पिथौरागढ़ जिले में टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे गुड़ौली के पास आठ घंटे बंद रहा। थल-मुनस्यारी मार्ग भी मलबे के कारण पांच घंटे बंद रहा। बागेश्वर जिले में सरयू नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ने से प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। उधर, हरिद्वार जिले के झबरेड़ा में बारिश से एक आवासीय भवन की छह ढह गई, उस में रह रहे दो बच्चों समेत चार लोग मलबे में दब गए, समय रहते उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया।