माहौल बिगड़ा तो पाकिस्तान के खिलाफ फिर से करेंगे बड़ी कार्रवाई: बिपिन रावत

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भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर के आतंकियों को कड़ी चेतावनी देते हुए दो टूक कहा कि यदि माहौल बिगाड़ा गया तो वह पाकिस्तान के खिलाफ फिर से बड़ी कार्रवाई करेंगे। जनरल बिपिन रावत आज लखनऊ में आसियान और आसियान प्लस देशों के फील्ड मेडिकल एक्सरसाइज मेडेक्स-2019 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

म्यांमार के साथ आतंकी ठिकानों को नष्ट किए जाने पर भी उन्होंने कहा कि दोनो ही देशों की जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होगा। जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। अब भी पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों पर कार्रवाई के लिए सेना का प्लान तैयार है। भविष्य में भी ऐसे एक्शन होंगे। माहौल बिगड़ा तो फिर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। लक्ष्य तय होने के बाद ही सेना एक्शन लेती है। चुनावी माहौल का सेना की कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सेनाध्यक्ष ने कहा कि म्यांमार आर्मी के साथ संयुक्त ऑपरेशन करने का उद्देश्य अपनी जमीन का बाहरी लोगों के गलत इस्तेमाल से रोकना है। कितने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया है। हम यह नहीं बता सकते। लेकिन यह जरूर कहेंगे कि भारत और म्यांमार आर्मी मिलकर आतंक का सफाया करेंगी। हां यह कामयाब और नियमित चलने वाली प्रक्रिया है। म्यांमार और भारत ने हाल में ही आतंकी ठिकानों का सफाया करने के लिए कार्रवाई की है। लश्कर सहित कई आतंकी ठिकानों पर एक्शन को लेकर प्लेब तैयार है। आर्मी फ्री हैंड है। एयर स्ट्राइक के बाद हालातों से निपटने में हमारी सेना सक्षम है।

आर्मी को समय-समय पर आधुनिक और अपग्रेड होने की होती है जरूरत

एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से आए दिन हो रही भारी गोलीबारी पर जनरल रावत ने कहा कि मैं आपको यह बता दूं कि आपकी सेनाएं तैयार हैं और सक्षम भी हैं। किसी भी बड़े ऑपरेशन से पहले सेना विचार करती है। उस पर पॉलीटिकल निर्णय होता है। उसके ऊपर सेनाएं अमल करती हैं। जो भी कार्रवाई होगी वह पॉलीटिकल निर्णय पर की जाएंगी। हर एक आर्मी को समय-समय पर आधुनिक और अपग्रेड होने की जरूरत होती है।

आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम बेस्ट हैं लेकिन हमको दूसरों के पास मौजूद क्षमता और तकनीक से सीखने की जरूरत है। हर देश की मेडिकल क्षेत्र में सेना की अपनी विशेषज्ञता है। जब हम एक दूसरे के साथ काम करते हैं तो हम आपस में मेडिकल राहत देने के लिए एक दूसरे की समझ को बढ़ाते हैं। हम यह भी सीखते हैं कि दूसरे देश की अच्छी तकनीक से अपने सिस्टम को और कैसे सुधारा जाए। म्यांमार आर्मी के कैंप ने मेडिकल उपकरणों को रखने के लिए नाइलोन के जाल बनाए गए। म्यांमार आर्मी की डेंटल चेयर बहुत हल्की है इसी तरह सिंगापुर आर्मी का मोबाइल स्ट्रेचर बहुत कम जगह लेता है। हम उसे कापी नहीं कर सकते लेकिन हां ऐसे उपकरण अपने यहां भी ला सकते हैं।

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