उच्च शिक्षा में सुधार के लिए लेने होंगे ठोस निर्णय: डॉ. धन सिंह रावत

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उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लाने के लिए हमें ठोस निर्णय लेने होंगे। यह बात प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राजकीय महाविद्यालय सोमेश्वर के वाद्दषकोत्सव समारोह में कही। उनका कहना था कि छात्र-छात्राओं को यह ध्यान रखना होगा कि उनके आस-पास रहने वाले लोग साक्षर हों। वातावरण स्वच्छ हो व नशे के प्रति भावी पीढ़ी सचेत रहनी चाहिए। इस मौके पर प्रभारी मंत्री ने शौर्य दीवार का लोकार्पण किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सोमेश्वर महाविद्यालय का भवन पांच करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। अभी भी प्रदेश के 24 ऐसे महाविद्यालय हैं जिनके पास अपनी भूमि नहीं है। इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। आगामी एक साल के अंदर उनको भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

उनका कहना था कि प्रत्येक महाविद्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है। साथ ही यह निर्देश दिए गए हैं कि प्रोफेसर अनिवार्य रूप से पांच घंटे कक्षा में पढ़ाएंगे। साथ ही छात्रों की उपस्थिति को 180 दिन अनिवार्य रूप से निर्धारित किया गया है। इससे कम उपस्थिति पर छात्रों के अभिभावकों को पत्र लिखा जाएगा। इस मौके पर छात्रसंध अध्यक्ष दीपा जोशी ने महाविद्यालय की पेयजल समस्या सहित विभिन्न विषयों के लिए विभाग खोले जाने की मांग रखी।

राज्य में सुपर-30 कक्षाओं का संचालन

मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में सुपर-30 क्लासें शुरू की जाएंगी। इसमें उन गरीब छात्र छात्राओं को एनडीए के 150, पीएचडी के 100 व आइएएस व आइएफएस के 50 छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इनमें ऐसे छात्रों को शामिल किया जाना है। जिनकी वाद्दषक आय तीन लाख रुपये से कम हो। मंत्री ने कहा कि अभिनव प्रयोग के लिए राज्य में पुस्तक दान की योजना चलाई जा रही है। उनका कहना था कि इस बार छात्रों की अंकतालिका कुमांऊ विश्वविद्यालय की बजाए उनके महाविद्यालय में दी जाएगी।

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