उत्तराखंड को सैनिकधाम बताने और सैनिक ऑपरेशन के भाषण में इस्तेमाल करने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन ठहराया है। भाषण की वीडियो क्लिपिंग का परीक्षण किया जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस चुनाव आयोग से शिकायत भी करने जा रही है।
शुक्रवार को प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रधानमंत्री की रुद्रपुर रैली पर पार्टी का पक्ष रखा। कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य के गभीर मुद्दों की पूरी तरह से अनदेखी की। किसी ने भी राज्य एक भी मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सैनिकों, सैनिक ऑपरेशन आदि विषयों का चुनावी इस्तेमाल न करने के आदेसह दिये हैं। पर, इस रैली में इसका खुला उल्लंघन किया गया। उत्तराखंड हमेशा से सैनिकधाम रहा है। आईएमए, आरआईएमसी यहां पांच साल में नहीं बने। ये यहां दशकों पहले से स्थापित है।
राज्य के बहादुर हमेशा देश की सुरक्षा के किये बलिदान देते आये हैं। सैनिकों के शौर्य का चुनावी इस्तेमाल करना बिल्कुल गलत है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी। इससे पहले भाजपा विंग कमांडर अभिनंदन के फोटो लगाकर रैलियां निकाल रही थी। उस पर कांग्रेस ने आपत्ति की थी। उसके बाद ही आयोग ने सैनिकों के फोटो के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी।
‘सैनिक धाम’ पर भाजपा ने किया कांग्रेस पर पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रुद्रपुर की विजय शंखनाद महारैली में उत्तराखंड को ‘सैनिक धाम’ की संज्ञा दिए जाने पर कांग्रेस की आपत्ति पर भाजपा ने पलटवार किया है। प्रदेश मीडिया प्रमुख देवेंद्र भसीन ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों के शव सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए ताबूतों के इस्तेमाल को घोटाला बताया। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे। अब कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं तो वह सबूत और ताबूत की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को लूटा और सैनिकों के हाथ बांधे रखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रुद्रपुर रैली से बौखलाई कांग्रेस अनर्गल आरोप लगा रही है। जबकि, प्रधानमंत्री ने ‘सैनिक धाम’ की संज्ञा देकर यहां के सैनिकों और उनकी वीरता को नमन किया। यह वोट की राजनीति नहीं है।