रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस पर कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन तेजी से बढ़ा है। राज्य में धार्मिक व अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है, लेकिन स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में तेजी से सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। राज्य में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
उत्तराखंड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव -जंतू, मानव संसाधन यहां पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। राज्य में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार प्रयासरत है। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखंड में अनुकूल वातावरण है।
सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाए गए हैं। अच्छी बात यह है कि होम स्टे के प्रति व्यक्तियों का रूझान भी बढ़ा है। इस मौके पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, फिल्मकार प्रसून जोशी, मनीषा पाण्डे, डॉ. शिवम मणि, मंदीप सिंह, धनुष सिंह आदि मौजूद रहे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखंड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन व तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय व्यक्तियों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम‘पर्यटन और ग्रामीण विकास है’। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।