जल्द ही ट्राउड मछली उत्पादन क्षेत्र के रूप में मिलेगी नई पहचान

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सीमांत तहसील मुनस्यारी को जल्द ही ट्राउड मछली उत्पादन क्षेत्र के रूप में नई पहचान मिलेगी। जिलाधिकारी ने गुरू वार को छह मत्स्य और बीज उत्पादन केंद्रों का शुभारंभ किया। इन केंद्रों से मछली पालकों को मत्स्य बीज उपलब्ध कराए जायेंगे।

शीतजल मात्स्यकी अनुसंधान निदेशालय भीमताल ने ट्राइबल सब प्लान के तहत 16 लाख की लागत से क्षेत्र में छह मत्स्य तालाब और बीज उत्पादन केंद्र तैयार किए हैं। जिलाधिकारी ने सरमोली गांव में केंद्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि मत्स्य उत्पादन से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और वर्ष 2022 तक आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य प्राप्त हो सकेगा।

समय-समय पर उत्पादकों को तकनीकी जानकारी कराई जाए मुहैया

उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि समय-समय पर उत्पादकों को तकनीकी जानकारी मुहैया कराई जाए। निदेशक देवाशीष शर्मा ने ट्राउड मछली के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ठंडे जल में पैदा होने वाली इस मछली की बाजार में भारी मांग है। उन्होंने कहा कि एक टैंक में 300 से 500 ग्राम वजन की 1200 मछली पैदा हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों को संबंधित केंद्रों से मछली बीज उपलब्ध कराने के साथ ही समय-समय पर तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी।

उन्होंने ट्राउड मछली के आहार और बीज तैयार करने की विधि बताई। इस अवसर पर देवाशीष शर्मा, आरएस पतियाल, प्रेम कुमार, एनएन पांडेय, रीतेश कुमार, भूप्पी पांगती, तारा पांगती आदि मौजूद थे।

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