हेल्थ न्यूज … उत्तराखंड में घटते लिंगानुपात को रोकने के लिए सरकार गंभीर

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रिपोर्ट … page3news.co.in
देहरादून। राज्य में घटते लिंगानुपात को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हुआ है। मुख्यमंत्री ने विभाग को स्पष्ट निर्देशित किया है कि गर्भपात और लिंग जांच रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। गर्भपात की दवा डाक्टर की यश के बाद ही दिए जाने पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा गर्भपात की दवा निजी मेडिकल स्टोरों पर भी बैन करने की सरकार की मंशा है। इसी संबंध में मंगलवार को पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक स्वास्थ्य महानिदेशालय के सभागार में हुई। अध्यक्षता निदेशक एन.एचएम./राज्य समुचित प्राधिकारी ने की। बैठक में सभी जनपदों के पी.सी.पी.एन.डी.टी. कोऑर्डिनेटर, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं विधि परामर्शी उपस्थित रहे।
महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने निर्देशित किया कि राज्य में बालिकाओं के घटते हुए लिंगानुपात को रोकने के लिए सभी प्रभावी एवं कठोर कदम उठाये जायें, गर्भसमापन की दवा मिजोप्रोस्ट्राल की बिक्री को प्रतिबंधित एवं सीमित करने के बारे में कारगर रणनीति अमल में लाई जाय। डीजी हेल्थ के अनुसार यह दवा केवल चिकित्सक के परामर्श के बाद ही ली जानी चाहिए और इसे दवाइयों की दुकान अथवा फार्मेसी के स्तर पर बेचे जाने के लिए रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रतिभागियों को निर्देश दिये कि गर्भपात से संबंधित मामलों का ऑडिट किया जाय और स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास गर्भपात के लिए जाने वाली प्रत्येक महिला की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट एवं संबंधित रेडियोलॉजिस्ट की जानकारी अवश्य रखी जाए।
महानिदेशक अर्चना श्रीवास्तव ने बताया घटते लिंगानुपात को ठीक किया जाना मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है। उन्होंने बतायाकि सीएम के निर्देशानुसार अब राज्य में बालिकाओं की घटती हुई जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए सभी अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का नियमित निरीक्षण किया जायेगा और इन केन्द्रों द्वारा गर्भावस्था से संबंधित सभी अल्ट्रासाउण्ड रिपोर्ट की समीक्षा की जायेगी।
निदेशक एनएचएम डॉ अंजली नौटियाल ने जनपदों को निर्देशित किया गया कि गर्भवती महिला के पंजीकरण के लिए एएनएम को पूर्ण रूप से उत्तरदायी बनाया जाए और इस कार्य में आशा की भूमिका एक सहायक तक ही सीमित रखी जाए। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित एचएमआईएस पोर्टल पर सभी गर्भवती माताओं का पंजीकरण अवश्य होना चाहिए ताकि प्रसव होने तक उन पर पूर्ण निगरानी रखी जा सके।
राज्य नोडल अधिकारी डॉ सरोज नैथानी द्वारा जानकारी दी गई कि अब सभी अल्ट्रासाउंड मशीनों को एक्टिव ट्रैकर उपकरण के साथ जोडा जायेगा जो अल्ट्रासाउंड से संबंधित जानकारी रिकार्ड कर बताने का कार्य करेगा। एक्टिव ट्रैकर लगाये जाने के बारे में तीन प्रमुख फर्मों द्वारा इस उपकरण की कार्य प्रणाली के बारे में भी बताया गया। डॉ नैथानी ने सभी जनपदों को निर्देशित किया कि वह पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट से संबंधित वाद/मामलों की पैरवी निर्धारित समय के अनुसार करते रहें ताकि एक्ट का उल्लंघन करने वाले लोगों को दंडित किया जा सके।
आईएमए की अध्यक्षा डॉ सुमन सेठी ने विभाग के साथ पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया तथा यह भी कहा कि उनके संघ में एक्ट का उल्लंघन करने वाले चिकित्सक नहीं है लेकिन इस पर निगरानी की आवश्यकता है। फोग्सी के अध्यक्ष डॉ लूना पंत ने सभी निजी महिला चिकित्सकों को समय-समय पर एक्ट की जानकारी दिये जाने की आवश्यकता बताई और कहा कि फोग्सी भी इस दिशा में विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की सफलता के लिए प्रभावी उपाय करेगा।