तेजप्रताप यादव ने देर रात ट्वीट करके परिवार में महाभारत के संकेत दिये थे। रविवार को बाकायदा सूचना जारी कर प्रेस कांफ्रेंस बुलाया था। मीडिया वाले पहुंच भी गए थे, किंतु जब राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने सख्ती दिखाई तो तेजप्रताप को बैकफुट पर आना पड़ा। आखिरी वक्त में उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कैंसिल कर दिया। पिछले एक हफ्ते में यह तीसरा ऐसा मौका था, जब मीडिया को बुलाकर तेज प्रताप खुद नहीं पहुंचे।
तेजस्वी यादव से उन्होंने लोकसभा की दो सीटों की मांग की थी। तथा सारण सीट से अपने ससुर चंद्रिका राय को प्रत्याशी बनाने के पार्टी के निर्णय के भी खिलाफ थे। जहानाबाद और शिवहर से वह अपनी पसंद का प्रत्याशी उतारना चाहते थे। इसके लिए तेजस्वी से बात भी की। मामला नहीं बनते देख उन्होंने तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की। जहानाबाद से पहले ही राजद ने सुरेंद्र यादव को प्रत्याशी बना दिया था। बाकी बची शिवहर सीट को हासिल करने के लिए उन्होंने दबाव बनाना जारी रखा।
पार्टी विरोधी गतिविधियों से बाज आने की दी हिदायत
शनिवार को जब वहां से पत्रकार फैसल अली को प्रत्याशी घोषित कर दिया तो तेज प्रताप ने ट्वीट के जरिए आर-पार का संकेत दिया। राजद कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की सूचना से माना जाने लगा कि तेजप्रताप कुछ विस्फोट करने वाले हैं। सूचना है कि ऐन चुनाव के वक्त पार्टी और परिवार को नुकसान से बचाने के लिए राबड़ी देवी ने पहल की। तेजस्वी पहले ही साफ कर चुके थे कि तेज प्रताप के हथकंडों के आगे वह झुकने के लिए कतई तैयार नहीं हैं। ऐसे में राबड़ी ने तेजप्रताप से सख्त लहजे में बात की और उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों से बाज आने की हिदायत दी। आखिर में तेजप्रताप के तेवर ढीले पड़ गए और यू टर्न ले लिया।