मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बाढ़ प्रभावितों को हर संभव राहत पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। राहत आयुक्त संजय गोयल के मुताबिक जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के 12 जिलों बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, गोंडा, संतकबीर नगर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर के 331 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। गांवों में बाढ़ पानी से भरने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। ग्रामीण पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता मिलने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। बाढ़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाढ़ से प्रभावित जिलों में 24 घंटे सातों दिन कंट्रोल रूम चलाया जा रहा है
लखीमपुर खीरी पलिया में शारदा नदी, गोरखपुर बर्डघाट में राप्ती नदी, श्रावस्ती राप्ती बैराज में राप्ती नदी, बाराबंकी एल्गिनब्रिज सरयू-घाघरा नदी,अयोध्या सरयू और बलिया तुर्तीपार सरयू (घाघरा) नदी का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर है। राहत आयुक्त के मुताबिक प्रदेश में 95 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं। अब तक कुल 4,876 वितरित खाद्यान्न किट बांटे जा चुके हैं। प्रदेश में 647 बाढ़ चैकियां स्थापित की जा चुकी हैं।
कई गांवों में भरा बाढ़ का पानी
कई दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश, पहाड़ी नदियों नालों से बहकर आने वाले बाढ़ के पानी से भारतीय क्षेत्र की नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जिससे मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। नेपाल के पहाड़ी नालों के उफनाने से तहसील क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।
शनिवार को एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर 107.136 मीटर है जो खतरे के निशान से 106 सेमी ऊपर है। अयोध्या में जलस्तर 93.150 मीटर है कुल पानी का डिस्चार्ज -333982 क्यूसेक है। गिरिजा बैराज में पानी का डिस्चार्ज 156570 क्यूसेक, शारदा बैराज पर 168408 क्यूसेक, सरयू बैराज पर पानी का डिस्चार्ज 9004 क्यूसेक हो रहा है।