शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को इस बाबत कार्रवाई के निर्देश दिए। एनसीईआरटी के साथ प्राइवेट प्रकाशकों की मंहगी सहायक पुस्तकें लगाने पर सख्ती से रोक लगाने को कहा है। जो स्कूल मानकों का उल्लंघन करें, उनकी एनओसी को निरस्त करने के निर्देश भी दिए।
शिक्षा से इतर सभी गतिविधियां पूरी तरह से बंद
शिक्षा मंत्री ने मुख्य सचिव, शिक्षा आर मीनाक्षीसुंदरम और सभी जिलों के डीएम के साथ समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस वक्त स्कूल बंद है। न तो कंप्यूटर का उपयोग हो रहा है न ही कोई स्पोर्टस गतिविधि हो रही है। शिक्षा से इतर सभी गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं।
ऐसे में इन मदों में शुल्क लेने का कोई औचित्य नहीं है। फिर भी प्राइवेट स्कूलों की ओर से पूरी फीस चुकाने का दबाव बनाया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने डीएम से भी नाराजगी जताई के ऐसा होने के बावजूद जिला प्रशासन खामोशी से क्यों देख रहा है?
उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से टयूशन फीस से इतर बाकी सभी शुल्क की वसूली पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए। महंगी किताबों खरीदवाएं जाने पर भी मंत्री ने नाराजगी जताई। कहा कि कोई भी स्कूल एनसीईआरटी से इतर किताबें नहीं खरीदवाएगा। हाईकोर्ट के मानक के अनुसार ही सहायक पुस्तक लगाई जा सकती है।
शिक्षा मंत्री ने दो टूक कहा कि जो शिक्षा अधिकारी फीस वसूली और एनसीईआरटी किताब के आदेश का पालन कराने में कामयाब नहीं हो रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने डीएम को कहा कि ऐसे सभी उपशिक्षा अधिकारी, बीईओ, डीईओ और सीईओ के शिकायत करें। ऐसे लापरवाह अफसरों को तत्काल सस्पेंड किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को सामर्थ्यवान लोगों से फीस लेने की छूट दी है। लूट की छूट नहीं दी। प्राइवेट स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही लेंगे। यदि कोई इसका उल्लंघन करेगा तो उसकी राज्य सरकार से जारी होने वाली एनओसी और मान्यता को निरस्त कर दिया जाएगा।