हरीश रावत के टिकट को लेकर चरम पर पहुंची कांग्रेस की गुटबाजी

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पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को उनकी इच्छा के अनुसार नैनीताल से टिकट न मिलने की आशंका देख रावत समर्थक विधायक शनिवार शाम दिल्ली पहुंच गए। राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को पार्टी को कमजोर करने का आरेाप लगाया। वेणुगोपाल को उन्होंने इंदिरा के उन बयानों के वीडियो भी दिए हैं, जिसमें वह कथित रूप से हरिद्वार सीट को कांग्रेस के लिए कमजोर बता रही हैं।

मालूम हो कि रावत को हरिद्वार से चुनाव लड़ने का इच्छुक न देख हाईकमान ने बीते रोज उन्हें नैनीताल से टिकट का भरोसा दे दिया था। कुछ घंटों बाद पूरा खेल ही बदल गया। अब चर्चा यह है कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के विरोध को देखते हुए रावत को हरिद्वार से ही चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है। इंदिरा को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का भी समर्थन हासिल है।

करण माहरा ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व को राज्य के शीर्ष नेताओं के आचरण की जानकारी दी गई है। ऐन चुनाव के वक्त कांग्रेस को एकजुटता की जरूरत है। जबकि शीर्ष नेता पार्टी को कमजोर करने वाले बयान दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार रावत समर्थकों ने प्रदेश प्रभारी से भी फोन पर बात की और अपनी नाराजगी जता दी है। दूसरी तरफ, प्रदेश के नेताओं के मतभेदों के चलते कांग्रेस आज भी पार्टी के प्रत्याशियों की अधिकृत सूची जारी नहीं कर पाई।

मेरा किसी से कोई विरोध नहीं: इंदिरा हृदयेश

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बताया कि हरीष रावत का नाम नैनीताल के पैनल में ही नहीं था। वह हरिद्वार से सबसे सुयोग्य उम्मीदवार हैं। पर्यवेक्षक ने बाकायदा सर्वे कर पैनल बनाए हैं। मेरा किसी से कोई विरोध नहीं है। हाईकमान का फैसला अंतिम होगा और पूरी पार्टी आदेश का पालन करेगी।

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